बच्चे कल का भारत,उनकी आँखों में संभावनाओं की चमक, कंधों पर है जिम्मेदारी एक बेहतर समाज की: डॉ पुष्पेंद्र वर्मा

महिला व बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में आज मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने बरोह के किसान भवन में शिरकत की lइस अवसर पर सीडीपीओ श्री कुलदीप चौहान, सुपरवाइजर किरण कोंडल व महिलाओं ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ देकर और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया l
इसके बाद वहां उपस्थित चाइल्ड हेल्पलाइन और कानूनी सेवाएं विभाग द्वारा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और स्कीमों के बारे में बताया गया l
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने बोलते हुए कहा कि बच्चे केवल हमारे घर की मुस्कान नहीं, बल्कि राष्ट्र की नींव हैं।
उनके सपनों में है कल का भारत,उनकी आँखों में है संभावनाओं की चमक,और उनके कंधों पर है जिम्मेदारी — एक बेहतर समाज की। लेकिन क्या हम उन्हें वह वातावरण दे रहे हैं , जहाँ वे खुलकर सोच सकें, खेल सकें, और सीख सकें?
हर बच्चे का अधिकार है शिक्षा,सुरक्षा,पोषण, और प्यार भरा पालन-पोषण।
हमें उनकी बात सुननी चाहिए,
उनके साथ संवाद करना चाहिए,
उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
जैसे बीज को सही मिट्टी, पानी और धूप चाहिए — वैसे ही बच्चों को सही मार्गदर्शन, स्नेह और अवसर चाहिए।"हर बच्चा विशेष है — बस हमें उसे समझना और साथ देना है।"
इस अवसर पर बोलते हुए डॉक्टर वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु जी ने शपथ लेने से पहले उन बच्चों के लिए सुखाश्रय योजना शुरू करी, जिनके बारे में कोई नहीं सोचता था आज भारतवर्ष में हिमाचल प्रदेश एकमात्र प्रदेश है जहां पर अनाथ बच्चों को "चिल्ड्रन ऑफ स्टेट" घोषित कर उनको हर महीने ₹4000 और उनकी शिक्षा का पूर्ण व्यय और उनके घूमने फिरने और मकान बनाने के लिए प्रदेश सरकार खर्च कर रही है।
महिलाओं के लिए बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉक्टर वर्मा ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से बहुत आगे हैं l महिला सशक्तिकरण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता भी वास करते हैं।"लेकिन क्या हम सच में नारी को वह सम्मान, वह अधिकार और वह स्वतंत्रता दे पाए हैं जिसकी वह अधिकारी है? उन्होंने कहा की महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को शिक्षा देना,
उन्हें निर्णय लेने की स्वतंत्रता देना,आत्मनिर्भर बनाना और
लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना हम सब का कर्तव्य हैं हमारी नैतिक जिम्मेवारी है l उन्होंने कहा कि इस जिम्मेवारी के तहत यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु जी ने एकल नारियों के लिए सुख शिक्षा सम्मान योजना, जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई लिखाई का संपूर्ण व्यय और एकल नारी के लिए घर बनाने के लिए 6 मरला भूमि व 3 लाख रुपए का प्रबंध किया है।
इस अवसर पर महिलाओं द्वारा हिमाचली व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिनका अवलोकन मुख्य तिथि डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने किया और व्यंजनों का स्वाद भी चखा।
इस अवसर पर पूर्व पार्षद मनोरमा लखनपाल,चाइल्ड हेल्पलाइन कमेटी के मेंबर एडवोकेट अरविंद शर्मा, एडवोकेट सिद्धार्थ अन्य गनमान्य व्यक्ति मौजूद रहे l