हिमाचल प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रदेश की बेटियों को उनके उत्कृष्ट कार्य और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और प्रेरक वक्ता के रूप में डाॅ. पुष्पेंद्र वर्मा ने भाग लिया । इस अवसर पर पहुंचने पर सीडीपीओ कुलदीप चौहान और पर्यवेक्षक किरण कुंडल ने प्रेरक वक्त डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया इसके तत्पश्चात सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। बाल विकास विभाग ने प्रेरक वक्ता डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को टोपी शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर बेटियों को सम्मानित करते हुए कहा कि “बेटी केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की शान है। जब बेटी आगे बढ़ती है, तो देश आगे बढ़ता है।”
डाॅ. वर्मा ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी की उस पहल की सराहना की जिसके अंतर्गत बेटियों के जन्म पर दी जाने वाली सम्मान राशि को बढ़ाया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से “बेटी है अनमोल” योजना के तहत बेटियों के नाम पर की जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट राशि में वृद्धि की है।
अब बेटी के जन्म पर उसे ₹51,000 की एफडीआर प्रदान की जाएगी, जो उसकी शिक्षा और आत्मनिर्भरता में सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर सुखाश्री योजना के तहत बेटी आकांक्षा को उसकी शादी के लिए ₹2लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट सरकार की तरफ से प्रदान की गई।
डाॅ. वर्मा ने कहा कि यह कदम बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है और यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार बेटियों के जन्म को सम्मान और गर्व का विषय बना रही है।
उन्होंने सभी सम्मानित बेटियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हम अपनी बेटियों को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान दें।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएँ, अभिभावक, तथा बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।