शिक्षकों और कर्मचारियों की आवाज़ को दबाना प्रदेश सरकार का तानाशाही रवैया दर्शाता है: राकेश ठाकुर

भारतीय जनता पार्टी, जिला हमीरपुर के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार, जिसने झूठे वादों और दिखावटी घोषणाओं के बल पर सत्ता प्राप्त की थी, आज हर वर्ग के कर्मचारियों और व शिक्षकों के साथ अन्याय और उत्पीड़न कर रही है।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि जो शिक्षक और कर्मचारी लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे, उन्हें निलंबित करना सरकार की तानाशाही मानसिकता का प्रमाण है। प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अपने अधिकारों के समर्थन में धरना दिया था, लेकिन सरकार ने संवाद और समाधान की बजाय दमन का रास्ता चुना है। यह न केवल कर्मचारियों का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला भी है।
राकेश ठाकुर ने आगे कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि "प्री-नर्सरी से प्लस टू" तक एकल निदेशालय बनाने से क्या प्राथमिक शिक्षा, जो कि हमारी शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ है, पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा? पहले प्राथमिक शिक्षकों को उनके संघ की अनुशंसा पर पदोन्नति के अवसर मिलते थे जैसे कि मुख्य शिक्षक, केंद्रीय मुख्य शिक्षक तथा खंड प्राथमिक अधिकारी के रूप में। क्या यह व्यवस्था अब समाप्त हो जाएगी या यथावत बनी रहेगी, सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
भाजपा की यह भी मांग है कि प्राथमिक शिक्षक संघ के सभी निलंबित पदाधिकारियों को तुरंत बहाल किया जाए और शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक संवाद स्थापित किया जाए। सरकार को चाहिए कि वह दमनकारी नीतियों को छोड़कर लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करे।
भाजपा का मानना है कि शिक्षक और कर्मचारी किसी भी राज्य की प्रगति की रीढ़ होते हैं। अगर उनकी आवाज को दबाया जाता है, तो यह केवल उनके साथ अन्याय नहीं होगा, बल्कि समाज के संपूर्ण भविष्य के साथ भी धोखा होगा।