पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने विकसित भारत, गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), यानी ‘जी राम जी’ पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का “बापू प्रेम” बस दिखावा है और इन्होंने गांधी जी का नाम सिर्फ राजनीति के लिए किया इस्तेमाल किया है। श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में विकसित भारत जी राम जी बिल पारित होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए गरीबों के लिए इस कल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का आभार प्रकट किया है।
लोकसभा में बोलते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “रोजगार गारंटी जैसी योजना तो 80 के दशक से चल रही है। कांग्रेस ने पहले 1989 में इसका नाम जवाहर रोजगार योजना रखा, फिर 1999 में इसका नाम जवाहर रोजगार समृद्धि योजना रखा, 2001 में सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना तो 2005 में नरेगा रखा…इन्हें तब गांधी जी याद नहीं आए। 2009 का चुनाव आते-आते कांग्रेस को बापू याद आए और योजना का नाम मनरेगा किया। मनरेगा का नाम पहले पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया। वो तो पहले नरेगा थी। बाद में जब 2009 के चुनाव आए तब चुनाव और वोट के कारण महात्मा गांधी याद आए। बापू याद आए। तब उसमें जोड़ा गया महात्मा गांधी। कांग्रेस पार्टी का “बापू प्रेम” बस दिखावा है और इन्होंने गांधी जी के नाम का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति के लिए किया है”
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “जी-राम-जी का उद्देश्य लंबे समय से चली आ रही बिखरी हुई व्यवस्था और नीतिगत गतिरोध को समाप्त करना है। यह बिल पुराने बिखरे हुए नियमों को निरस्त कर उनकी जगह लाइसेंसिंग, सुरक्षा एप्रूवल, जवाबदेही और मुआवजे को कवर करने वाला एक फ्रेमवर्क लागू करता है। कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालिए। कांग्रेस केवल नाम बदलने में लगी रही। कोविड के समय मजदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार ने अपने सारे खजाने खोल दिए थे। हमने MGNREGA में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च हमने मनरेगा में किया था, जो कांग्रेस कभी सोच भी नहीं सकती थी। कांग्रेस के समय लोगों को पैसा नहीं मिलता था, बिचौलिए खा जाते थे। हमने जियोटैग करने का काम शुरू किया। बैंक खाते खुलवाकर लोगों के खातों में पैसा डालने का काम हमने किया। इनके समय कहते थे कि 15 दिन में पैसा मिलेगा। कई-कई महीने तक पैसा नहीं मिलता था। हमने उसको वीकली करने का नाम किया। हमने 100 की जगह 125 दिन रोजगार की गारंटी का काम हमने किया। यही नहीं इसका बजट भी पहले से ज्यादा हो, राज्य सरकारों की भूमिका हो, वो भी हमने किया, जिससे स्कीम का विस्तार किया जा सके”